करीब तीन साल से भी ज्यादा समय से भीषण युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध रोकने को राजी हैं. इस बाबत उन्होंने एक प्रस्ताव भी रूस को भेजा है. इस प्रस्ताव के साथ मगर एक बड़ी अहम शर्त भी रखी है. यह वही शर्त है जिसकी जिद में झुलस कर यूक्रेन बीते करीब तीन साल से बे-वजह के युद्ध से जूझ रहा है. शर्त यह है कि अगर यूक्रेन को नाटो (NATO) की सदस्यता दी जाती है, तो वे (यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की) समझौते के तहत और रूस की तसल्ली के लिए, यूक्रेन के राष्ट्रपति का पद तत्काल छोड़ देंगे.
मतलब जेलेंस्की ने युद्ध खत्म करने के लिए अपना प्रस्ताव भेज दिया है. रूस उनकी इस उस शर्त को कितनी तवज्जोह देता है कि, क्या वो यूक्रेन को नाटो की सदस्यता लेने देगा? सब कुछ अब रूस और उसके अड़ियल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विवेक पर निर्भर करेगा. इसके साथ ही यूक्रेन ने रूस के सामने युद्धबंदियों को अदला-बदली की भी शर्त रखी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर देश की राजधानी कीव में आयोजित शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह तमाम बातें उजागर कीं. उन्होंने कहा कि, रूस को सभी यूक्रेनी सैनिकों और नागरिकों को रिहा करना होगा. इसके बदले हम भी (यूक्रेन) उनके (रूस) सैनिकों और युद्धबंदियों को रिहा करेंगे. युद्ध खतम करने का इससे बेहतर और कोई रास्ता यूक्रेन के पास नहीं है.
यहां उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2024 में रूस और यूक्रेन ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की मध्यस्थता में एक-दूसरे के 95-95 युद्धबंदियों क रिहा किया था. यूक्रेनी संसद के ह्यूमन राइट्स कमिश्नर दिमित्रो लुबिनेट्स ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि, ‘यह 58वां अवसर था जब साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनो देशों ने कैदियों की अदला-बदली की थी। इससे पहले दोनो देशों ने सितंबर में 103-103 कैदियों को रिहा किया था.’ जिक्र करना जरूरी है कि रूस ने 24 फरवरी सन् 2022 को यूक्रेन पर हमला शुरू कर दिया था. उस तारीख से वो खूनी युद्ध अब तक बदस्तूर जारी है. इस दौरान भारत समेत दुनिया की तमाम बड़ी ताकतों ने दोनो देशों के बीच युद्ध खत्म करवाने की पुरजोर कोशिशें कीं. जोकि सब की सब कोशिशें नाकाम रहीं. नतीजा सामने है. तीन साल से चल रही खूनी जंग यूक्रेन और रूस के बीच अब भी जारी है.

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