Byसंजीव चौहान
नई दिल्ली, 11 मार्च 2025
विस्फोट मीडिया डॉट कॉम
भारत में इस कानून के बनने से अब केंद्र सरकार के पास विदेशियों की आवाजाही पर पाबंदी के लिए असीमित अधिकार आ गए हैं. जैसे कि प्रवेश पर प्रतिबंध. प्रस्थान रोकने और विशिष्ट यानी देश के कुछ खास इलाकों में पहुंच को प्रतिबंधित करने की कानूनी ताकत बढ़ जाना.
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देश में घुसपैठ और अवैध अप्रवास रोकने के लिए यह कानून लाया गया है. लोकसभा में मंगलवार (11 मार्च 2025) को अप्रवासन और विदेशी विधेयक-2025 पेश किया गया. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री की तरफ से, यह विधेयक गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया.
उन्होंने कहा कि, यह बिल देश में किसी को आने देने से रोकने के लिए कतई नहीं बना है. इस बिल का असल मकसद है कि, जो भी विदेशी भारत में आएं वे यहां के नियम-कानून का पालन करने के लिए बाध्य हों. हालांकि वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और टीएमसी के सौगत राय ने इस अहम बिल का भी विरोध कर डाला है.
इस बिल को लाने के पीछे हालांकि हिंदुस्तानी हुकूमत की मंशा इतनी भर ही है कि, हमारे देश के इमीग्रेशन कानूनों को मजबूती प्रदान की जा सके. उन्हें आधुनिक बनाया जा सके. इमीग्रेशन से जुड़ा यह विधेयक देश की सुरक्षा के नजरिए से बेहद अहम साबित होगा. विधेयक में देश के कानून को मानने की जिम्मेदारी अब राज्य की न होकर, उस व्यक्ति पर होगी जो किसी अन्य देश से भारत में रहने पहुंचेगा.
नए विधेयक के मुताबिक वैध पासपोर्ट या बिना वैध वीजा के भारत में एंट्री करने पर पकड़े जाने पर, 5 साल की सजा और 5 लाख तक का आर्थिक दंड यानी जुर्माना देना होगा. जाली दस्तावेज इस्तेमाल करते पकड़े गए तो, 2 से 7 साल तक की सजा और 1 से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है. वीजा कानून का उल्लंघन या प्रतिबंधित क्षेत्र में पकड़े जाने पर, 3 साल तक की जेल, 3 लाख रुपए तक का जुर्माना डाला जा सकता है.
इस नए बिल के लागू होते ही देश में मौजूद चार कानून खत्म हो जाएंगे. जोकि औपनिवेशिक युग से चले आ रहे हैं. ये चारों ही कानून विश्व युद्ध के समय उस वक्त के हालातों के हिसाब से बनाए गए थे.