By Ishank
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नई दिल्ली, 12 मार्च 2025
अमेज़न वर्षावन, जिसे अक्सर “पृथ्वी के फेफड़े” भी कहा जाता है, एक नई चोट का सामना कर रहा है. जो जलवायु संरक्षण के नाम पर दी जा रही है. नवंबर 2025 में ब्राजील (बेलेम में) संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन COP30 की मेजबानी करने की तैयारियों में जुटा है. इसके लिए जंगल के बीच से एक विवादास्पद परियोजना चल रही है. अवेनिडा लिबरडेड नामक 13 किलोमीटर लंबी सड़क. 50,000 से अधिक आगंतुकों की भीड़ को संभालने के लिए इसे, “स्थायी” समाधान बताया जा रहा है लेकिन, इसके चलते पर्यावरणीय अखंडता और वैश्विक जलवायु प्रयासों की ईमानदारी पर दुनिया में बहस छिड़ गई है.
बताना जरूरी है कि अमेज़न, कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने और जैव विविधता को बनाए रखने में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह जानते हुए भी इसके पेड़ों को बड़ी संख्या में उस शिखर सम्मेलन के लिए काटे जा रहे हैं जो, पारिस्थितिक संकट से निपटने का दावा मजबूत कराने का द्योतक रहे हैं. आलोचक, जिनमें वैज्ञानिक और संरक्षणवादी शामिल हैं तर्क देते हैं कि, यह वन-कटाई (जंगल) नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को तोड़ती है. वन्यजीवों को खतरे में डालती है और, COP30 के लक्ष्यों को कमजोर करती है. वर्षों की कानूनी और पर्यावरणीय आपत्तियों के बाद तमाम लोग इस परियोजना को कई पीछे की ओर यानी उल्टी दिशा में बढ़ता हुआ कदम मान रहे हैं. सिर्फ और सिर्फ एक अदद पक्की सड़क को बनाने के लिए सैकड़ों-हजारों जंगली पेड़ों के लिए काट दिया जाना क्या किसी पाखंड जैसा नहीं है.


स्थानीय लोगों के लिए तो यह और भी ज्यादा और तुरंत दुष्प्रभाव देने वाला साबित हो रहा है. इस सड़क निर्माण क्षेत्र के पास रहने वाले क्लाउडियो वेरेकेते ने बेबसी के आलम में कहते हैं, ‘मेरी अकाई फसल, उनकी आय का मुख्य स्रोत, नष्ट हो गई. बिना मुआवजे के विस्थापित कर डाला गया.’ Claudio Verequete, उस निर्णय के मानवीय मूल्य का प्रतिनिधित्व करते हैं जो, आजीविका से ज्यादा लॉजिस्टिक्स को तरजीह देता है. एक स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, “वे ग्रह को बचाने की बात करते हैं, लेकिन वे हमसे (धरती पर मौजूद इंसान) सब कुछ छीन रहे हैं.”
ब्राजील सरकार, इस ज्वलंत मुद्दे पर खुद का बचाव करने में जुटी है. वो जंगल काटकर उसके बीच से सड़क निर्माण के काम को सही सिद्ध करने की कोशिश में जुटी है. ब्राजील हुकूमत का दावा है कि, यह यातायात को आसान बनाएगी. जंगली पेड़ काटकर बनाई जा रही यह सड़क, देश के स्थायी बुनियादी ढांचे को मजबूती देगी. पर्यावरणविद् चेतावनी देते हैं कि नुकसान कटे हुए पेड़ों से बहुत आगे जाता है. ऐसी सड़कें अक्सर अवैध लकड़ी कटाई और आगे अतिक्रमण का रास्ते भी खोलती हैं.
जब विश्व भर के नेता बेलेम में जलवायु संकट के समाधान की बात करने के लिए जुटेंगे. तब वे सब उसी जमीन पर मौजूद बनी सड़क के ऊपर खड़े होंगे जो, उनके स्वागत के लिए जंगली पेड़ काटकर तैयार की गई है.
संदेश स्पष्ट है: शब्दों से ज्यादा कार्य बोलते हैं. अमेजन के जंगल काटकर बनाई जा रही यह सड़क विरोधाभास और बर्बादी की कहानी हमारी मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों के वास्ते लिख रही है. इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए. क्या वर्षावन की बर्बादी पर बुलाया जा रहा शिखर सम्मेलन, वास्तव में इंसानों और जंगलों को बचाने के लिए ही आयोजित किया जा रहा है? जवाब शायद इस जंगल (अमेजन) के दर्द और खामोशी में छिपा है जिसके, हरे-भरे हजारों-लाखों पेड़ों को काटकर शिखर सम्मेलन के लिए सड़क बनाई जा रही है.