By संजीव चौहान

नई दिल्ली,8 मार्च 2025

मीडिया खबरों में बह रही तेज हवा की मानें तो भारत का ‘भगोड़ा जी’ देश की हदों से बाहर खुली हवा में मौज ले रहे हैं. नाम है ललित मोदी. जो कभी हुआ करते थे आईपीएल के अध्यक्ष. मीडिया रिपोर्ट्स में अगर दम है तो, इंडिया के मोस्ट-वॉन्टेड ललित मोदी जी! वानुआतु की नागरिकता ले चुके हैं! उस वानुआतु की नागरिकता जिसकी आबादी, भारत के केंद्र शासित राज्य पुद्दुचेरी (पॉन्डेचेरी) से भी कम है. मतलब, मास्टरमाइंड ने अब भारत की नागरिकता का मोह छोड़ दिया है.

मजे की बात तो यह है कि हिंदुस्तानी हुकूमत अपने जिस मोस्ट-वॉन्टेड भगोड़ा घोषित ललित मोदी को, देश की हद के अंदर लाने के लिए कथित रूप से ही सही कई साल से ‘घात’ लगाए बैठी है, वही ललित मोदी अब वानुआतुक की ‘गोल्डन पासपोर्ट स्कीम’ के तहत, बेफिक्री के आलम में दुनिया के 120 देशों की खुलेआम-बे-रोकटोक वीजा-फ्री यात्राएं भी कर सकेंगे.

और तो और इस देश की इस तरह की नागरिकता भारत के इन भगोड़े सर जी को वानुआतु में ‘टैक्स-राहत’ भी देगी. कहते हैं कि हिंदुस्तान में एक बार छोटे-मोटे मामले में भी अगर किसी की टांग कानूनी पचड़े में फंस जाए, तो हिंदुस्तानी जांच-पुलिस एजेंसियां उसकी चूलें हिला डालती हैं. ललित मोदी के लिए तो इस सबके एकदम उलट ही हो रहा है. वो जितने ज्यादा लंबे समय का भारत के मोस्ट वॉन्टेड भगोड़े बनते जा रहे हैं, उनकी उतनी ही ‘मौज’ कहिए या फिर ‘चांदी’ कट रही है.

हालांकि इस नागरिकता से इनके खिलाफ भारत में चल रहे मुकदमों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. खबरों के मुताबिक मास्टरमाइंड ने यह नागरिकता फोकट में यूं ही हासिल नहीं कर ली. इसके बदले में उन्हें वानुआतु को 1.3 करोड़ की मोटी रकम अदा करनी पड़ी है. वानुआतु एक ओशियनियाई देश है. ललित मोदी ने साथ ही भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग (हाई कमीशन) में दरखास भी दी है.

हाई कमीशन में भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए दिए गए आवेदन की पुष्टि, विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रंधीर जायसवाल भी करते हैं. उन्होंने मीडिया को आगे कहा कि नियमों के मुताबिक ही सब कुछ होगा. जिस वानुआतु की नागरिकता ली है वहां की कुल आबादी 3 लाख के करीब है. यहां की नागरिकता ललित मोदी जैसे धन्नासेठ मोटी रकम अदा करके खरीदते हैं. यहां बिना पांव रखे ही, आपके कागजात का वेरीफेकेशन ऑनलाइन ही हो जाता है.

देश भले ही बहुत छोटा क्यों न हो मगर, यहां के पासपोर्ट से 120 देशों में वीजा-फ्री इंट्री हो जाती है. इन 120 देशों में ब्रिटेन और यूरोपीय देश भी हैं. इस देश में इनकम, संपत्ति या किसी भी और तरह का टैक्स भी नहीं लगता है. अब तक 30 अमीर भारतीयों ने यहां की यह नागरिकता ले ली है. हालांकि ‘आजतक’ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के लोग यहां की नागरिकता लेने वालों में पहले नंबर पर हैं.

जिक्र जब ललित मोदीजी जैसे भारत को मोस्ट-वॉन्टेड भगोड़े का हो तो, बताना जरूरी है कि इन्होंने ही भारत में सबसे पहले आईपीएल की शुरूआत की थी. 15 साल पहले यह तेज-दिमाग ब्रिटेन भाग गए. तभी से भारत इनके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है. इनको मगर हिंदुस्तान, इन 15 साल में अब तक ब्रिटेन से घसीट कर भारत नहीं ला सका है.

यह शख्स अपने ऊपर लगे मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के हर आरोप को हमेशा से खारिज करता रहा है. सोचिए अगर ललित मोदी की जगह, भारत में किसी जरूरतमंद इंसान ने किसी बैंक से लाख दो लाख का लोन लेकर भर पाने में आनाकानी की होती तो, बैंक और देश की बाकी संबंधित एजेंसियां, कैसे उसकी खाल खींच चुकी होतीं?

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